हथियारों से आगे: यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की वॉशिंगटन यात्रा

Beyond Weapons

अमेरिका को यूक्रेन पर दबाव बनाना चाहिए कि वह रूस के साथ इस संघर्ष के समाधान का रास्ता खोजे

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की वाशिंगटन यात्रा, 24 फरवरी को शुरू हुए रूसी हमले के बाद उनकी पहली विदेश यात्रा है। वहीं, बाइडेन प्रशासन द्वारा पैट्रियट मिसाइल रक्षा प्रणाली और निर्देशित मिसाइलों समेत 1.8 बिलियन डॉलर का नया सैन्य सहायता पैकेज भेजने का फैसला यह दिखाता है कि युद्ध के समय, यूक्रेन और अमेरिका के रिश्ते काफी गहरे होते जा रहे हैं।

यूक्रेन को पहले ही करीब $54 बिलियन की वित्तीय और सैन्य फंडिंग मिल चुकी है। डोनबास में मिली करारी हार के बाद, अमेरिका द्वारा भेजी गई लंबी दूरी की मिसाइलों (हिमार्स) ने खार्किव और खरसॉन के युद्ध क्षेत्र में यूक्रेन को बढ़त हासिल करने में अहम भूमिका निभाई। पैट्रियट मिसाइल प्रणाली से यूक्रेन को हवाई सुरक्षा मजबूत करने में मदद मिलने की उम्मीद है। यह मदद उस समय आई है जब रूस हवाई हमलों के जरिए ऊर्जा ग्रिड और पानी की आपूर्ति के ठिकानों पर बम बरसा रहा है।

वाशिंगटन में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने श्री जेलेंस्की के साथ 10-सूत्रीय शांति फ़ॉर्मूला पर चर्चा की (इसके ब्योरे की जानकारी नहीं है) और यह वादा किया कि “जब तक जरूरत होगी, तब तक मदद” जारी रहेगी। युद्ध की अनिश्चिततता और इसके व्यापक आर्थिक नतीजों को लेकर पश्चिमी देशों के गठजोड़ में दरार आने की अटकलों के बीच दोनों नेताओं ने एकता का संदेश देने की कोशिश की।

अमेरिका ने क्रमिक तौर पर यूक्रेन में हथियारों की आपूर्ति बढ़ाई है, लेकिन खतरनाक हथियार भेजने में वह अब भी सावधानी बरत रहा है, ताकि युद्ध और न भड़क उठे। यूक्रेन ने अमेरिकी विमानों, टैंकों और लंबी दूरी की सामरिक मिसाइलों सहित ज्यादा उन्नत हथियारों की लगातार मांग की है। हालांकि श्री बाइडेन ने कहा कि उनकी सरकार यूक्रेन को मदद करना जारी रखेगी, लेकिन उन्होंने यूक्रेन को घातक हथियार भेजने के खतरों से भी आगाह किया। उन्होंने कहा कि यह “नाटो, यूरोपीय संघ और बाकी दुनिया को नुकसान पहुंचा सकती है”।

फिलहाल, यूक्रेन ने युद्ध क्षेत्र में बढ़त हासिल की है। पूर्वोतर और दक्षिण के प्रदेशों पर फिर से कब्जा करने में वह कामयाब रहा है, लेकिन रूस को हवाई बढ़त हासिल है। पैट्रियट मिसाइलों से यूक्रेन को एक हद तक सुरक्षा जरूर मिलेगी, लेकिन यह रूस को और ज्यादा घातक हमले करने को भी उकसा सकता है। श्री बाइडेन इसी बात को लेकर पसोपेश में हैं। वह यूक्रेन को रक्षा मदद तो देना चाहते हैं, लेकिन नहीं चाहते कि रूस और नाटो के बीच एक व्यापक युद्ध भड़के। उनकी यूक्रेन नीति को अंतहीन अंदाज में हथियारों की आपूर्ति का पैकेज बनकर नहीं रह जाना चाहिए।

अमेरिका अपने सहयोगी की मदद करे, लेकिन उसे इस संघर्ष के स्थायी समाधान तलाशने पर भी जोर देना चाहिए। उसे रूस पर दबाव बढ़ाने के लिए, यूक्रेन को हथियारों की लगातार आपूर्ति करनी चाहिए क्योंकि अमेरिकी हथियारों ने कीव की बढ़त में बड़ी भूमिका निभाई है। साथ ही, उसे यूक्रेन को भी रूस से सीधी बातचीत, दोबारा शुरू करने के लिए तैयार करना चाहिए। इस मोड़ पर सैन्य तरीके से समाधान की गुंजाइश नहीं दिखती। जब तक वार्ता पर जोर नहीं डाला जाएगा, तब तक यह युद्ध अनंत काल तक जारी रह सकता है।

Source: The Hindu (23-12-2022)