खतरनाक पैंतरेः काला सागर में मुठभेड़ और यूक्रेन युद्ध से उत्पन्न खतरे

Dangerous moves

यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए रूस और अमेरिका को अपने संबंधों में स्थिरता लानी होगी

‘ब्लैक सी’ के ऊपर दो रूसी लड़ाकू विमानों और एक अमेरिकी ड्रोन के बीच टकराव ने यूक्रेन युद्ध के खतरनाक जोखिमों को रेखांकित किया है, जिसमें मंगलवार की सुबह एक अमेरिकी एमक्यू-9 रीपर ड्रोन को मार गिराया गया। इस घटना पर विरोधाभासी बयान दोनों पक्षों से आए हैं। पेंटागन ने कहा है कि रूसी एसयू-27 विमानों ने अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में निगरानी करने वाले (सर्वेलांस) ड्रोन को रोक दिया, ड्रोन पर ईंधन डंप किया, उससे टकराए और उसे नीचे गिरने को मजबूर किया।

दूसरी ओर रूसी रक्षा मंत्रालय का कहना है कि क्रीमिया प्रायद्वीप के ऊपर उसके “अस्थायी हवाई क्षेत्र” (यूक्रेन में युद्ध के लिए घोषित क्षेत्र) का एक अमेरिकी ड्रोन द्वारा उल्लंघन किए जाने के बाद उसके जेट विमानों को रवाना किया गया था और अमेरिकी ड्रोन “तेज पैंतरेबाज़ी” के चक्‍कर में “ऊंचाई से गिर गया”। एमक्यू-9 ने इस घटना को रिकॉर्ड किया है। वीडियो को सार्वजनिक कर दिया गया है और इससे सच्चाई को जानने में मदद मिलेगी। लेकिन कारण जो भी हो, तथ्य यह है कि अमेरिका ने ‘ब्लैक सी’ के ऊपर अपना ड्रोन खो दिया जहां उसकी नौसैनिक उपस्थिति तक नहीं है। यह एक बार फिर से इस बात की याद दिलाता है कि परमाणु शक्तियां संघर्ष के कितने करीब आ गई हैं। हालांकि दोनों पक्षों ने परिपक्वता के साथ जवाब दिया है, लेकिन इस संकट को जन्म देने वाली स्थिति अब भी कायम है।

अमेरिका ने रूसी आक्रमण शुरू होने के बाद से यूक्रेन को उन्नत रक्षात्मक और आक्रामक हथियारों सहित सैन्य सहायता में 30 बिलियन डॉलर से अधिक राशि दी है और मॉस्को पर कड़े प्रतिबंध भी लगाए हैं। वाशिंगटन का कहना है कि वह युद्ध में सीधे तौर पर शामिल नहीं है, केवल यूक्रेन को उसके क्षेत्रों की रक्षा करने में मदद कर रहा है। रूस का आरोप है कि “समूचा पश्चिम” मिलकर उसे बरबाद करने की कोशिश कर रहा है। जिस तरीके से यह युद्ध खिंचता चला जा रहा है और रूस अपनी जीत सुनिश्चित कर पाने में नाकाम रहा है, वाशिंगटन और मॉस्को के बीच संबंध टूट गए हैं।

पिछले महीने रूस ने न्यू स्टार्ट परमाणु हथियार नियंत्रण संधि में अपनी भागीदारी को निलंबित कर दिया, जो दोनों देशों के बीच शीत युद्ध के युग के दौर की हथियारों पर नियंत्रण लगाने वाली अंतिम व्यवस्था थी। मौजूदा संघर्ष के बीच आपसी अविश्वास का लगातार गहराते जाना महाशक्तियों की रंजिश से आपदा की पैदाइश का एक आदर्श नुस्खा है। भले ही बाइडेन प्रशासन ने रूस के साथ सीधे टकराव से स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया हो, लेकिन गैर-जिम्मेदाराना और उच्च जोखिम वाले सैन्‍य अभ्‍यास या यहां तक कि हादसे भी पेंटागन के शब्‍दों में “गलत अनुमान और अनपेक्षित टकराव में वृद्धि” का बायस बन सकते हैं।

अमेरिका और रूस के पास पहले से ही उनके विभिन्न युद्धक्षेत्रों में हवाई टकराव से बचने के लिए एक हॉटलाइन मौजूद है। उन्हें यूक्रेन के आसपास भी इस तंत्र का उपयोग करना चाहिए ताकि ‘ब्लैक सी’ जैसी घटनाओं के दोहराव से बचा जा सके। लेकिन बड़ी चुनौती उनके द्विपक्षीय संबंधों में आ रही गिरावट को थामना है, जो अब शीत युद्ध के पहले दो दशकों की शत्रुता की याद दिला रहा है। अगर अमेरिका और रूस इस समस्या का समाधान करते हैं और अपने संबंधों में स्थिरता ला पाते हैं, तो इससे उन्हें यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने में मदद मिलेगी।

Source: The Hindu (17-03-2023)