Economics Editorials in Hindi

Economics Editorials in Hindi
Economics is the study of scarcity and its implications for the use of resources, production of goods and services, growth of production and welfare over time, and a great variety of other complex issues of vital concern to society.
The economy of any country is the backbone of any nation that ensures its citizens’ prosperity and well-being. It is also the leading factor behind employment generation, infrastructure development, raising the citizens’ per-capita income, and many more factors.
This section features Economics Editorials in the Hindi language exclusively from the Indian economy because these are only relevant to various Competitive Exams like UPSC-IAS, SSC, and other State Civil Services Examinations.
The featured articles or editorials on Economics Editorials in Hindi page are taken from various prestigious resources like The Hindu, Indian Express, The Economic Times Hindi, Times of India, etc. These are translated with a high level of accuracy and are featured in Economics Editorials in Hindi section of the Editorials in Hindi website.
Apart from the aspiring students, Economists, News Readers, and Content Writers should also visit this page regularly to stay updated with current trends in the Indian Economy.
Economics Editorials in Hindi

Latest Editorials on Economics in Hindi

Economics Editorial
मुश्किल दौर: भारत और दुनिया के प्रमुख बाजारों में बदलता परिदृश्य
Testing times फरवरी माह में विदेशी व्यापार में हुई तेज गिरावट के मद्देनजर नीतिगत स्तर पर बारीकी से गौर करने की जरूरत हैफरवरी माह के दौरान भारत का माल निर्यात पिछले पांच महीनों में तीसरी बार गिरा। कुल 33.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर की माल लदाई एक साल पहले के स्तर से 8.8 फीसदी की गिरावट की ओर इशारा करती है। हाल के दिनों में निर्यात...
Economics Editorial
बैंकिंग संकट के सबक: सिलीकॉन वैली बैंक प्रकरण
Lessons learnt रिजर्व बैंक को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे बैंक वैश्विक संकट और कुप्रबंधन से बचे रहेंपिछले हफ्ते अमेरिका के वेस्ट कोस्ट में एक डूबते हुए बैंक ने वैश्विक बाजारों को उस दौर की याद दिला दी जब लीमैन दिवालिया हुआ था। लीमैन जैसी घटना के दुहराव की आशंका ने दुनिया भर में बैंकिंग शेयरों में तेज गिरावट पैदा...
Economics Editorial
सिलिकॉन वैली बैंक की विफलता: कारण और प्रभाव
Current Affairs:कैलिफोर्निया स्थित सिलिकॉन वैली बैंक (SVB), अमेरिकी प्रौद्योगिकी और स्टार्टअप उद्योगों की आधारशिला, हाल ही में विफल रही, जिसने 2008 के वित्तीय संकट के बाद से इसे सबसे बड़ी बैंक विफलता बना दिया।SVB क्या है और यह कितना बड़ा है?1983 में स्थापित कैलिफ़ोर्निया स्थित SVB सिलिकॉन वैली स्टार्टअप्स की सेवा...
Economics Editorial
देर आयद, दुरुस्त आयद: आभासी डिजिटल परिसंपत्तियों को पीएमएलए के दायरे में लाना
Belated, but essential आभासी परिसंपत्तियों में होने वाली बढ़ोतरी से निपटने के लिए भारत के पास उचित नियामक उपाय होने चाहिएआभासी डिजिटल परिसंपत्तियों से जुड़े सभी लेनदेन को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के दायरे में लाने संबंधी वित्त मंत्रालय की 7 मार्च की अधिसूचना देर से ही सही, लेकिन एक बेहद जरूरी कदम है। सरकार हाल...
Economics Editorial
कर के मोर्चे पर बदलाव: जीएसटी राजस्व के रुझान 
Tax transitions जीएसटी राजस्व के रुझान अधिक अनुपालन, आयात की मांग में नरमी का संकेत दे रहे हैंफरवरी में लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये का सकल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह कई नजरिए से उल्लेखनीय है। सबसे पहले, वे इस बात को इंगित करते हैं कि लगातार 12वें महीने जीएसटी राजस्व 1.4 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है और जीएसटी प्रणाली...
Economics Editorial
आंकड़ों की विसंगतियां: जीडीपी के संशोधित अनुमान
Data Dissonance विकास को गति देने के लिए नीति-निर्माताओं को घरेलू मांग को बढ़ावा देना चाहिएराष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी किए गए जीडीपी के ताजा आंकड़ों में अक्टूबर-दिसंबर 2022 की तिमाही में विकास में और गिरावट होने का अनुमान लगाया गया है। यह एक मंदी है, जिसके लिए सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) ने बड़े पैमाने...
Social Issues Editorials
पटरी से उतरना: ग्रामीण रोजगार योजना और केंद्र द्वारा इसकी फंडिंग में बदलाव की कोशिश
Going off-course मनरेगा में बदलाव संबंधी केंद्र के सुझाव गुमराह करने वाले मालूम होते हैंकिसी भी कल्याणकारी कार्यक्रम की सफलता की कुंजी उसके अमल में छिपी होती है। मनरेगा के लागू होने के 17 सालों में हुए विभिन्न अध्ययनों ने ग्रामीण इलाकों में इसके समग्र सकारात्मक प्रभाव पर जोर दिया है। बे-मौसमी रोजगार प्रदान करके गरीबी...
Economics Editorial
लड़खड़ाते कदम: विदेशी व्यापार और नीतिगत उपाय
Shuffling feet विदेशी व्यापार के परिदृश्य को बेहतर करने के लिए तेज गति से नीतिगत उपाय करने की जरूरत हैदेश के विकास की गति को बढ़ावा देने वाले एक महत्वपूर्ण उत्प्रेरक और रोजगार सृजन में एक अहम भूमिका निभाने वाले भारत के माल निर्यात की 2023 में निराशाजनक शुरुआत हुई। जनवरी माह में सामानों का लदान साल-दर-साल आधार पर 6.6 फीसदी...
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मुश्किल दौर: भारत और दुनिया के प्रमुख बाजारों में बदलता परिदृश्य
Testing times फरवरी माह में विदेशी व्यापार में हुई तेज गिरावट के मद्देनजर नीतिगत स्तर पर बारीकी से गौर करने की जरूरत हैफरवरी माह के दौरान भारत का माल निर्यात पिछले पांच महीनों में तीसरी बार गिरा। कुल 33.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर की माल लदाई एक साल पहले के स्तर से 8.8 फीसदी की गिरावट की ओर इशारा करती है। हाल के दिनों में निर्यात...
बैंकिंग संकट के सबक: सिलीकॉन वैली बैंक प्रकरण
Lessons learnt रिजर्व बैंक को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे बैंक वैश्विक संकट और कुप्रबंधन से बचे रहेंपिछले हफ्ते अमेरिका के वेस्ट कोस्ट में एक डूबते हुए बैंक ने वैश्विक बाजारों को उस दौर की याद दिला दी जब लीमैन दिवालिया हुआ था। लीमैन जैसी घटना के दुहराव की आशंका ने दुनिया भर में बैंकिंग शेयरों में तेज गिरावट पैदा...
सिलिकॉन वैली बैंक की विफलता: कारण और प्रभाव
Current Affairs:कैलिफोर्निया स्थित सिलिकॉन वैली बैंक (SVB), अमेरिकी प्रौद्योगिकी और स्टार्टअप उद्योगों की आधारशिला, हाल ही में विफल रही, जिसने 2008 के वित्तीय संकट के बाद से इसे सबसे बड़ी बैंक विफलता बना दिया।SVB क्या है और यह कितना बड़ा है?1983 में स्थापित कैलिफ़ोर्निया स्थित SVB सिलिकॉन वैली स्टार्टअप्स की सेवा...
देर आयद, दुरुस्त आयद: आभासी डिजिटल परिसंपत्तियों को पीएमएलए के दायरे में लाना
Belated, but essential आभासी परिसंपत्तियों में होने वाली बढ़ोतरी से निपटने के लिए भारत के पास उचित नियामक उपाय होने चाहिएआभासी डिजिटल परिसंपत्तियों से जुड़े सभी लेनदेन को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के दायरे में लाने संबंधी वित्त मंत्रालय की 7 मार्च की अधिसूचना देर से ही सही, लेकिन एक बेहद जरूरी कदम है। सरकार हाल...
कर के मोर्चे पर बदलाव: जीएसटी राजस्व के रुझान 
Tax transitions जीएसटी राजस्व के रुझान अधिक अनुपालन, आयात की मांग में नरमी का संकेत दे रहे हैंफरवरी में लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये का सकल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह कई नजरिए से उल्लेखनीय है। सबसे पहले, वे इस बात को इंगित करते हैं कि लगातार 12वें महीने जीएसटी राजस्व 1.4 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है और जीएसटी प्रणाली...
आंकड़ों की विसंगतियां: जीडीपी के संशोधित अनुमान
Data Dissonance विकास को गति देने के लिए नीति-निर्माताओं को घरेलू मांग को बढ़ावा देना चाहिएराष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी किए गए जीडीपी के ताजा आंकड़ों में अक्टूबर-दिसंबर 2022 की तिमाही में विकास में और गिरावट होने का अनुमान लगाया गया है। यह एक मंदी है, जिसके लिए सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) ने बड़े पैमाने...
पटरी से उतरना: ग्रामीण रोजगार योजना और केंद्र द्वारा इसकी फंडिंग में बदलाव की कोशिश
Going off-course मनरेगा में बदलाव संबंधी केंद्र के सुझाव गुमराह करने वाले मालूम होते हैंकिसी भी कल्याणकारी कार्यक्रम की सफलता की कुंजी उसके अमल में छिपी होती है। मनरेगा के लागू होने के 17 सालों में हुए विभिन्न अध्ययनों ने ग्रामीण इलाकों में इसके समग्र सकारात्मक प्रभाव पर जोर दिया है। बे-मौसमी रोजगार प्रदान करके गरीबी...
लड़खड़ाते कदम: विदेशी व्यापार और नीतिगत उपाय
Shuffling feet विदेशी व्यापार के परिदृश्य को बेहतर करने के लिए तेज गति से नीतिगत उपाय करने की जरूरत हैदेश के विकास की गति को बढ़ावा देने वाले एक महत्वपूर्ण उत्प्रेरक और रोजगार सृजन में एक अहम भूमिका निभाने वाले भारत के माल निर्यात की 2023 में निराशाजनक शुरुआत हुई। जनवरी माह में सामानों का लदान साल-दर-साल आधार पर 6.6 फीसदी...
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