Elimination of Kala Azar

Current Affairs: Kala Azar

उच्च स्तरीय बैठक के दौरान, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने 2023 तक देश से काला अज़र को खत्म करने की लड़ाई में केंद्र द्वारा पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।

Kala Azar के बारे में

  • इसे विसरल लीशमैनियासिस (Visceral Leishmaniasis) या ब्लैक फीवर या दमदम फीवर के नाम से भी जाना जाता है।
  • यह लीशमैनिया / Leishmania नामक एक प्रोटोजोआ परजीवी के कारण होता है, जो मादा फेलोबोटोमाइन सैंडफ्लाई के काटने से फैलता है।
  • यह प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है और इलाज न होने पर लगभग हमेशा घातक होता है।
  • लक्षणों में बुखार, वजन घटना और प्लीहा (तिल्ली) या लिवर में सूजन शामिल हो सकते हैं।
  • यह मलेरिया के बाद दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा परजीवी हत्यारा है और सबसे खतरनाक उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों / neglected tropical diseases (NTDs) में से एक है।

Kala azar से निपटने की पहल

  • WHO ने 2017 तक काला अज़र को खत्म करने का लक्ष्य रखा है।
    • 2021-2030 के लिए WHO का नया रोडमैप: 2030 तक NTD कहे जाने वाले 20 रोगों के एक सेट को रोकने, नियंत्रित करने, समाप्त करने और मिटाने के लिए।
  • भारत सरकार ने वर्ष 1990-91 में स्थानिक राज्यों में केंद्र प्रायोजित काला अज़र नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया।
  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2002 ने वर्ष 2010 तक काला अज़र उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसे संशोधित कर 2015 कर दिया गया था। बाद में इस समय सीमा को दो बार बढ़ाकर 2017 और फिर 2020 कर दिया गया।
  • सफलता:
      • 2007-2022 के बीच भारत में काला अज़र के मामलों में 98.7% की गिरावट आई है।
      • बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल में फैले 632 स्थानिक ब्लॉक (99.8%) को उन्मूलन की स्थिति प्राप्त हुई है (प्रति 10,000 पर 1 से कम मामले)।
      • एकमात्र ब्लॉक जो अभी भी स्थानिक श्रेणी में है, झारखंड के पाकुड़ जिले में लिट्टीपारा है (प्रति 10,000 जनसंख्या पर 1.23 मामले)।
  • वर्तमान में, सभी कार्यक्रम गतिविधियां राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम / National Vector Borne Disease Control Programme (NVBDCP) के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही हैं, जो एक व्यापक कार्यक्रम है और इसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन / National Health Mission (NHM) के तहत शामिल किया गया है।

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