Fly Ash

Current Affairs:

  • भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक / Comptroller and Auditor General of India (CAG) की एक रिपोर्ट के अनुसार, तीन ताप विद्युत संयंत्रों / thermal power plants ने गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड / Gujarat Pollution Control Board (GPCB) की अनुमति के बिना निचले इलाकों में Fly Ash डंप कर दिया।
  • तीन थर्मल पावर टोरेंट पावर, अदानी पावर और टाटा पावर द्वारा संचालित हैं।

Fly Ash के संबंध में चिंताएं:

  • इसमें निकल, कैडमियम, आर्सेनिक, क्रोमियम, लेड समेत कई भारी धातुएं पाई जाती हैं
  • इसके कण जहरीले वायु प्रदूषक हैं, जो हृदय रोग, कैंसर, सांस की बीमारियों और स्ट्रोक को ट्रिगर कर सकते हैं।

Fly Ash से निपटने के लिए की गई पहल:

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  • 1999 में एक आधिकारिक अधिसूचना आई और इसने सीमेंट, कंक्रीट ब्लॉक और ईंटों आदि के निर्माण के लिए फ्लाई ऐश के रचनात्मक उपयोग के लिए कुछ तरीकों की रूपरेखा तैयार की।
  • NTPC लिमिटेड ने 2021 में फ्लाई ऐश की बिक्री के लिए रुचि पत्र आमंत्रित किया था।
  • थर्मल पावर प्लांटों के फ्लाई ऐश (उत्पादन और उपयोग) के डेटा की निगरानी के लिए एक वेब पोर्टल और “एशट्रैक / ASHTRACK” नामक एक मोबाइल आधारित एप्लिकेशन लॉन्च किया गया है।

Fly Ash Management and Utilization Mission / फ्लाई ऐश प्रबंधन और उपयोग मिशन:

  • राष्ट्रीय हरित अधिकरण / National Green Tribunal (NGT) ने जनवरी 2022 में इस मिशन के गठन का निर्देश दिया था।
  • इसका प्राथमिक लक्ष्य फ्लाई ऐश और संबंधित मुद्दों के प्रबंधन और निपटान का समन्वय और निगरानी करना होगा।
  • यह यह भी देखेगा कि कैसे 1,670 मिलियन टन विरासत (संचित) फ्लाई ऐश को कम से कम खतरनाक तरीके से उपयोग किया जा सकता है।
  • पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय / Ministry of Environment, Forest and Climate Change (MoEF&CC) के सचिव समन्वय और अनुपालन के लिए नोडल एजेंसी होंगे।

Fly Ash Notification 2021 / फ्लाई ऐश अधिसूचना 2021:

  • फ्लाई ऐश अधिसूचना 2021 पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 के तहत जारी की गई थी।
  • कोयले या लिग्नाइट आधारित ताप विद्युत संयंत्रों से निकलने वाली फ्लाई ऐश को भूमि पर या जल निकायों में डंप करने और निपटाने पर रोक।
  • केंद्र ने ऐसे संयंत्रों के लिए पर्यावरण के अनुकूल तरीके से राख का 100% उपयोग सुनिश्चित करना अनिवार्य कर दिया है, और पहली बार ‘प्रदूषक भुगतान’ सिद्धांत के आधार पर गैर-अनुपालन के लिए दंड व्यवस्था शुरू की है।
  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड / Central Pollution Control Board (CPCB) द्वारा ताप विद्युत संयंत्रों से एकत्र की गई राशि का उपयोग अनुपयोगी राख के सुरक्षित निपटान के लिए किया जाएगा।

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी):

इसने नई निर्माण तकनीकों पर ध्यान केंद्रित किया है जैसे कि फ्लाई ऐश ईंटों का उपयोग करना जो नवीन, पर्यावरण के अनुकूल हैं।

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