Going green
नया बजट भारत को जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता से उबरने में मदद कर सकता है
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का ताजा बजट 2070 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन की ओर बढ़ने की सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर देने के लिहाज से उल्लेखनीय है। जनवरी में दावोस में विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक में पेश किए गए एक लेख के अनुसार, भारत अपनी विशाल और बढ़ती ऊर्जा जरूरतों के मद्देनजर वैश्विक जलवायु परिवर्तन के लक्ष्यों को पूरा करने में अहम साबित होगा।
अब जबकि भारत की आबादी इस साल किसी समय चीन से आगे निकलने की तैयारी में है, अपनी अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ाने के वास्ते इसकी ऊर्जा संबंधी भूख तेजी से बढ़ने वाली है। लिहाजा जीवाश्म ईंधन पर मौजूदा निर्भरता से हरित विकल्पों की ओर बढ़ना एक अनिवार्य जरूरत है और नए उद्योगों को उत्प्रेरित करने, बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करने तथा समग्र आर्थिक उत्पादन में बढ़ोतरी करने के लिहाज से इस कदम का लाभ उठाने का एक मौका है। इस हकीकत को समझते हुए, बजट 2023-24 में हरित औद्योगिक एवं आर्थिक बदलाव को पर्याप्त जगह दी गई है।
बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों के इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की मांग को पूरा करने के लिए नए ईवी मॉडल को बाजार में उतारने के लिए तैयार रहने से जहां ईवी क्रांति का आगाज होने ही वाला है, वहीं खासतौर पर ईवी की लागत को कम करने के लिए स्वदेशी रूप से उत्पादित लिथियम-आयन बैटरी की उपलब्धता एक जरूरत बन गई है। इस बजट में ईवी बैटरियों में इस्तेमाल होने वाली लीथियम-आयन सेल के निर्माण के लिए जरूरी पूंजीगत वस्तुओं और मशीनरी के आयात पर सीमा शुल्क की छूट देने का सुखद प्रस्ताव है। इससे ईवी बैटरी संयंत्र स्थापित करने की इच्छुक स्थानीय कंपनियों को बढ़ावा मिलेगा।