Current Affairs:
हाल ही में सरकार ने 2022-23 के लिए पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता के लिए एक योजना शुरू की है। योजना के तहत पूंजी निवेश परियोजनाओं के लिए राज्य सरकारों को 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
पृष्ठभूमि
- पूंजीगत व्यय के लिए राज्यों को विशेष सहायता की योजना की घोषणा वित्त वर्ष 2020-21 में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के हिस्से के रूप में की गई थी। योजना के लिए 12,000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई थी।
- इस योजना को वित्त वर्ष 2021-22 में 15,000 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ जारी रखा गया था।
- राज्य सरकारों के अनुरोधों को ध्यान में रखते हुए, वित्त वर्ष 2022-23 के लिए एक लाख करोड़ रुपये के आवंटन के साथ एक पुन: डिज़ाइन और विस्तारित योजना शुरू की गई है।
- योजना के तहत प्रदान किए गए ऋण वित्त वर्ष 2022-23 के लिए राज्यों को दी जाने वाली सामान्य उधार सीमा से अधिक होंगे और उसी वर्ष में खर्च किए जाने चाहिए।
योजना की पात्रता
- नई या चल रही परियोजनाओं या चल रही पूंजी परियोजनाओं में लंबित बिलों को निपटाने के लिए।
- राज्य अपनी वरीयता/प्राथमिकता दर्शाते हुए आबंटित निधियों से अधिक मूल्य की परियोजनाएँ प्रस्तुत कर सकते हैं।
- बहिष्करण (Exclusion): 5 करोड़ से कम पूंजी परिव्यय वाली परियोजनाएं (उत्तर पूर्व के लिए 2 करोड़) और पूंजी परिव्यय के बावजूद मरम्मत और रखरखाव परियोजनाएं।
