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एक ऐतिहासिक निर्णय में, जो अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षित गर्भपात दिवस (28 September) के दिन, भारत के सर्वोच्च न्यायालय (SC) ने अविवाहित और एकल महिलाओं जो 20 से 24 सप्ताह तक की गर्भधारण वाली महिलाओं हैं उनको विवाहित महिलाओं के समान सुरक्षित और कानूनी गर्भपात देखभाल की अनुमति दी।
- सुप्रीम कोर्ट ने 51 साल पुराने गर्भपात कानून मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) एक्ट 1971 और इसके 2003 के नियमों को प्रभावहीन कर दिया, जो 20 से 24 सप्ताह के बीच की अविवाहित महिलाओं को पंजीकृत चिकित्सकों की सहायता से गर्भपात करने से रोकता है।