उत्साह बरकरार: औद्योगिक उत्पादन के ताजा अनुमान

Not losing steam

पूंजीगत सामानों के आंकड़े निजी क्षेत्र में निवेश के मोर्चे पर अनिश्चितता जारी रहने की ओर इशारा करते हैं

पूंजीगत सामानों के आंकड़े निजी क्षेत्र में निवेश के मोर्चे पर अनिश्चितता जारी रहने की ओर इशारा करते हैं। उत्पादन वृद्धि में क्रमिक रूप से और साल-दर-साल आधार, दोनों स्तरों पर गिरावट के साथ संयंत्र और मशीनरी के उत्पादन का आदेश उस समय दिया गया है जब विस्तार या शुरुआत करने वाले उद्यम अपनी गति बनाए रखने के लिए जूझ रहे हैं। दिसंबर में, एक साल पहले के स्तर से इस खंड में वृद्धि नवंबर की 21.6 फीसदी की तुलना में धीमी होकर 7.6 फीसदी हो गई।

नवंबर में 13 फीसदी के विस्तार के बाद महीने-दर-महीने आधार पर उत्पादन में बमुश्किल 0.2 फीसदी की वृद्धि के साथ तेज मंदी रही। हालांकि, प्राथमिक एवं बुनियादी ढांचा क्षेत्र और निर्माण सामग्री यह उम्मदी बंधाते हैं कि सही नीतिगत उपायों के साथ कुछ सकारात्मक गति हासिल की जा सकती है। प्राथमिक वस्तुओं के उत्पादन की गति जहां क्रमिक रूप से 1.1 फीसदी से बढ़कर 9.2 फीसदी हो गई, वहीं बुनियादी ढांचे और निर्माण क्षेत्र के लिए यह गति महीने-दर-महीने आधार पर नवंबर के 3.2 फीसदी से बढ़कर चार फीसदी पर पहुंच गई।

मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र के अनुमान से संबंधित भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के सर्वेक्षण से यह संकेत मिलता है कि फर्मों को मौजूदा तिमाही में ऑर्डर बुक और विदेशी मांग में कुछ नरमी की उम्मीद है और नीतिगत समर्थन पर बहुत कुछ निर्भर करेगा। सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय में पर्याप्त वृद्धि के जरिए बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने की केन्द्रीय बजट की योजना से निर्माण सामग्री को काफी प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है और आने वाले महीनों में अन्य क्षेत्रों में भी ऐसा ही होने की संभावना है।

Source: The Hindu (13-02-2023)