Economics Editorials in Hindi

Economics Editorials in Hindi
Economics is the study of scarcity and its implications for the use of resources, production of goods and services, growth of production and welfare over time, and a great variety of other complex issues of vital concern to society.
The economy of any country is the backbone of any nation that ensures its citizens’ prosperity and well-being. It is also the leading factor behind employment generation, infrastructure development, raising the citizens’ per-capita income, and many more factors.
This section features Economics Editorials in the Hindi language exclusively from the Indian economy because these are only relevant to various Competitive Exams like UPSC-IAS, SSC, and other State Civil Services Examinations.
The featured articles or editorials on Economics Editorials in Hindi page are taken from various prestigious resources like The Hindu, Indian Express, The Economic Times Hindi, Times of India, etc. These are translated with a high level of accuracy and are featured in Economics Editorials in Hindi section of the Editorials in Hindi website.
Apart from the aspiring students, Economists, News Readers, and Content Writers should also visit this page regularly to stay updated with current trends in the Indian Economy.
Economics Editorials in Hindi

Latest Editorials on Economics in Hindi

Economics Editorial
मिले-जुले संकेत: ‘मैक्रो-इकोनॉमिक’ आंकड़ों का सवाल
Mixed signals: On macro-economic data‘मैन्यूफैक्चरिंग’ में तेजी आई है, लेकिन महंगाई अब भी चिंता का सबब हैनवंबर माह के आठ प्रमुख उद्योगों के आधिकारिक सूचकांक और दिसंबर माह के ‘मैन्यूफैक्चरिंग’ एवं सेवा क्षेत्रों के एस एंड पी ग्लोबल के सर्वेक्षण-आधारित क्रय प्रबंधकों के सूचकांक (पीएमआई) सहित हालिया वृहत आर्थिक (मैक्रो-इकोनॉमिक)...
Economics Editorial
अपार श्रद्धा: नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सरकार को जवाबदेह ठहराने में नाकाम रहा
Overly deferential: On Supreme Court judgment on demonetisationनोटबंदी को सही दावा देते हुए, सुप्रीम कोर्ट सरकार को जवाब देश जारी करने में नाकाम रहा यह एक बार-बार दोहराया जाने वाला न्यायिक नजरिया है कि अदालतों को आर्थिक और सामाजिक नीति के मसले पर निर्वाचित सरकार के फैसलों से खुद को अलग रखना चाहिए। अदालतों के हस्तक्षेप...
Economics Editorial
मेहनत की कमाई: राज्यों को मनरेगा का आवंटन रोका जाना
Laboured wages: On MGNREGS payments to States मनरेगा के लिए राज्यों को किए जाने वाले भुगतान में किसी भी किस्म की देरी अनैतिक हैराज्यसभा में ग्रामीण विकास राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और तृणमूल कांग्रेस के सांसद जवाहर सरकार के बीच पश्चिम बंगाल में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लिए...
Economics Editorial
एक काबिलेतारीफ कदम: मुफ्त अनाज योजना
A welcome move केंद्र द्वारा 2023 में मुफ्त खाद्यान्न वितरण का भार उठाने से राज्यों को राहत मिलेगीसरकार ने अप्रैल, 2020 से लेकर दिसंबर, 2022 (बीच की एक छोटी अवधि को छोड़कर) के दौरान चलने वाली ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ (पीएमजीकेवाई) का और आगे विस्तार नहीं करने का निर्णय लिया है और खाद्यान्नों का अतिरिक्त आवंटन...
Social Issues Editorials
सहकारी समिति अधिनियम में संशोधन के संबंध में
On amending the cooperative societies Actमल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटीज़ (MSCS) एक्ट, 2002 में संशोधन करने वाला बिल 7 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया गया था मल्टीस्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटीज़ (MSCS) एक्ट, 2002 में संशोधन करने वाला बिल 7 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया गया था। विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि बिल के प्रावधानों...
Economics Editorial
कीमतों पर नियंत्रण: भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दरों में बढ़ोतरी का संदर्भ
Anchoring pricesबचतकर्ताओं और उपभोक्ताओं को फिर से विश्वास हासिल करने की जरूरत है कि कीमतें स्थिर रहेंगी भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा नीति वक्तव्य में यह स्पष्ट रूप से स्वीकार किया गया है कि अब मौद्रिक नीति का प्राथमिक ध्यान मूल्य स्थिरता पर होना चाहिए। खासकर उस समय जब रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह माना है कि ...
Economics Editorial
भारत की कुपोषण समस्या को ठीक करना
Fixing India’s malnutrition problem न केवल प्रमुख पोषण योजनाओं के लिए धन की कमी है बल्कि जो उपलब्ध है उसे भी प्रभावी ढंग से खर्च नहीं किया जा रहा है ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) 2022 भारत के लिए और अधिक अप्रिय समाचार लेकर आया है, जहां तक ​​मानव विकास के एक महत्वपूर्ण संकेतक पर इसकी वैश्विक रैंकिंग का संबंध है। भारत 121 देशों...
Economics Editorial
भारतीय आर्थिक यात्रा को आगे बढ़ाना
Charting the indian economic journey ahead प्रति व्यक्ति आय के वर्तमान स्तर को देखते हुए भारत के पास तेजी से बढ़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं है भारत के सामने बड़ा सवाल यह है कि अब से 25 साल बाद उसकी अर्थव्यवस्था कहां होगी। 2047 तक भारत को आजादी के 100 साल पूरे हो जाएंगे। उस समय तक, क्या भारत एक विकसित अर्थव्यवस्था का दर्जा...
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मिले-जुले संकेत: ‘मैक्रो-इकोनॉमिक’ आंकड़ों का सवाल
Mixed signals: On macro-economic data‘मैन्यूफैक्चरिंग’ में तेजी आई है, लेकिन महंगाई अब भी चिंता का सबब हैनवंबर माह के आठ प्रमुख उद्योगों के आधिकारिक सूचकांक और दिसंबर माह के ‘मैन्यूफैक्चरिंग’ एवं सेवा क्षेत्रों के एस एंड पी ग्लोबल के सर्वेक्षण-आधारित क्रय प्रबंधकों के सूचकांक (पीएमआई) सहित हालिया वृहत आर्थिक (मैक्रो-इकोनॉमिक)...
अपार श्रद्धा: नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सरकार को जवाबदेह ठहराने में नाकाम रहा
Overly deferential: On Supreme Court judgment on demonetisationनोटबंदी को सही दावा देते हुए, सुप्रीम कोर्ट सरकार को जवाब देश जारी करने में नाकाम रहा यह एक बार-बार दोहराया जाने वाला न्यायिक नजरिया है कि अदालतों को आर्थिक और सामाजिक नीति के मसले पर निर्वाचित सरकार के फैसलों से खुद को अलग रखना चाहिए। अदालतों के हस्तक्षेप...
मेहनत की कमाई: राज्यों को मनरेगा का आवंटन रोका जाना
Laboured wages: On MGNREGS payments to States मनरेगा के लिए राज्यों को किए जाने वाले भुगतान में किसी भी किस्म की देरी अनैतिक हैराज्यसभा में ग्रामीण विकास राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और तृणमूल कांग्रेस के सांसद जवाहर सरकार के बीच पश्चिम बंगाल में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लिए...
एक काबिलेतारीफ कदम: मुफ्त अनाज योजना
A welcome move केंद्र द्वारा 2023 में मुफ्त खाद्यान्न वितरण का भार उठाने से राज्यों को राहत मिलेगीसरकार ने अप्रैल, 2020 से लेकर दिसंबर, 2022 (बीच की एक छोटी अवधि को छोड़कर) के दौरान चलने वाली ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ (पीएमजीकेवाई) का और आगे विस्तार नहीं करने का निर्णय लिया है और खाद्यान्नों का अतिरिक्त आवंटन...
सहकारी समिति अधिनियम में संशोधन के संबंध में
On amending the cooperative societies Actमल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटीज़ (MSCS) एक्ट, 2002 में संशोधन करने वाला बिल 7 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया गया था मल्टीस्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटीज़ (MSCS) एक्ट, 2002 में संशोधन करने वाला बिल 7 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया गया था। विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि बिल के प्रावधानों...
कीमतों पर नियंत्रण: भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दरों में बढ़ोतरी का संदर्भ
Anchoring pricesबचतकर्ताओं और उपभोक्ताओं को फिर से विश्वास हासिल करने की जरूरत है कि कीमतें स्थिर रहेंगी भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा नीति वक्तव्य में यह स्पष्ट रूप से स्वीकार किया गया है कि अब मौद्रिक नीति का प्राथमिक ध्यान मूल्य स्थिरता पर होना चाहिए। खासकर उस समय जब रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह माना है कि ...
भारत की कुपोषण समस्या को ठीक करना
Fixing India’s malnutrition problem न केवल प्रमुख पोषण योजनाओं के लिए धन की कमी है बल्कि जो उपलब्ध है उसे भी प्रभावी ढंग से खर्च नहीं किया जा रहा है ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) 2022 भारत के लिए और अधिक अप्रिय समाचार लेकर आया है, जहां तक ​​मानव विकास के एक महत्वपूर्ण संकेतक पर इसकी वैश्विक रैंकिंग का संबंध है। भारत 121 देशों...
भारतीय आर्थिक यात्रा को आगे बढ़ाना
Charting the indian economic journey ahead प्रति व्यक्ति आय के वर्तमान स्तर को देखते हुए भारत के पास तेजी से बढ़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं है भारत के सामने बड़ा सवाल यह है कि अब से 25 साल बाद उसकी अर्थव्यवस्था कहां होगी। 2047 तक भारत को आजादी के 100 साल पूरे हो जाएंगे। उस समय तक, क्या भारत एक विकसित अर्थव्यवस्था का दर्जा...
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